दिनांक 1 जुलाई 2020 को पिलुड़ा गांव में 14 से 24 वर्ष की अविवाहित और विवाहित लड़कियां (जो पिलुडा गांव की बहुए) के साथ बातचीत के गई । उन सभी की शैक्षिक स्थिति, रिश्तों, स्वास्थ्य, हिंसा और काम-काज की स्थिति को समझने के लिए नक्शा बनाया गया।
इस चर्चा में और नक्शा बनाने में किशोरी समूह की 6 किशोरियां धापू, हेम्मती, जशोदा, प्रिया बसंती एवं लता शामिल हुई |
प्रक्रिया –
- चर्चा की शुरुआत में लड़कियां से शादी की उम्र पर बात करते हुए चर्चा की गई। शादी का मसला सिर्फ उम्र से जुड़ा नहीं है। शादी बहुत से विषयों से जुडी हुई है और इसे कई स्थितियां प्रभावित करती है। इसलिए आज हम अपने गांव की स्थिति को देखने व समझने के लिए एक चार्ट पर नक्शा बनाएंगे।
- चर्चा को आगे बढ़ाते हुए सबसे पहले 14 से 24 वर्ष की लड़कियों की सूची बनाई और उसमें उनका नाम, उम्र व शिक्षा लिखी।
- नक्शा बनाने के काम में सबसे पहले गांव की मुख्य सड़कों और छोटे-छोटे रास्ते बनाए गए।
- पिलुडा गांव में 60 घर हैं। इन सभी घरों को बनाया और उन पर संख्या डाली गई।
- चर्चा में शामिल लड़कियों से शुरूआत की गई। यानि पहले उनके घरों में लड़कियों की स्थितियों को समझा गया और नक्शे में दर्शाया गया।
- कुल 25 घर है जिनमें 14 से 24 वर्ष की ३३ लड़कियां हैं उन सभी की स्थिति पर चर्चा करते हुए नक्शे को पूरा किया गया। कुल 33 लड़कियों , विवाहित लड़कियां (बहु) –12 अविवाहित – 21 की स्थिति को समझा व नक्शे में दर्शाया।
- नक्शा बनाने और लड़कियों के साथ चर्चा करने में 3 घंटे का समय लगा।
नक्शे के आधार पर शिक्षा, स्वास्थ्य, रिश्ते, हिंसा और काम इन सभी मुद्दों पर यह आंकड़ा निकल कर आया है।
शिक्षा से जुड़ा आंकड़ा
स्थिति | अविवाहित लड़की | विवाहित लड़की /बहु | कुल |
नियमित स्कूल से जुड़ी हैं | 16 | 1 | 17 |
नियमित कालेज से शिक्षा | 3 | 1 | 4 |
पढ़ाई छोड़ दी | 2 | 8 | 10 |
साक्षर | 0 | 2 | 2 |
कुल | 21 | 12 | 33 |
रिश्तों से संबंधित आंकड़ा
स्थिति | अविवाहित लड़की | विवाहित लड़की | कुल |
शादी | 0 | 12 | 13 |
सगाई | 1 | 0 | 1 |
दोस्ती | 11 | & | 11 |
किसी भी रिश्ते में ही | 9 | & | 9 |
कुल | 21 | 12 | 33 |
स्वास्थ्य संबंधी आंकड़ा
स्थिति | अविवाहित लड़की | विवाहित लड़की | कुल |
अनियमित माहवारी | 1 | 1 | 2 |
माहवारी मे अधिक दर्द | 2 | & | 2 |
गर्भपात | & | 2 | 2 |
स्वतः गर्भपात | & | 1 | 1 |
खून की कमी | 6 | & | 6 |
कमजोरी | 4 | 4 | 8 |
अधिक वजन | 1 | & | 1 |
STI | & | 1 | 1 |
हिंसा से संबंधित आंकड़ा
स्थिति | अविवाहित लड़की | विवाहित लड़की | कुल |
सामाजिक बहिष्कार | 1 | & | 1 |
मारपीट | 2 | 1 | 3 |
आवाजाही की रोकटोक | 1 | & | 1 |
घर से निकाला (किसी अन्य लड़के से रिश्ता होने पर) | & | 1 | 1 |
बच्चा न होने पर दबाव (पति-पत्नी दोनेां को अलग कर दिया) | & | 1 | 1 |
काम का अधिक दबाव | 4 | 1 | 5 |
हिंसा कि स्थित के बारे में बताना नहीं चाहा | 15 | 8 | 23 |
काम से जुड़ा आंकड़ा
स्थिति | अविवाहित लड़की | विवाहित लड़की | कुल |
मजदूरी | 6 | 3 | 9 |
सिलाई | & | 1 | 1 |
घर से सफाई का काम | & | 1 | 1 |
वर्तमान में काम नहीं कर रही है | 15 | 7 | 22 |
नक्शा बनाने के बाद लड़कियों से सामने आई सभी स्थितियो पर चर्चा की:-
1. रिश्तो पर :- रिश्तों पर चर्चा में लड़कियों ने बताया कि:
- हमारे यहां सगाई करके जल्द ही शादी कर देते हैं। इसलिए जल्दी सगाई नहीं करते हैं। लेकिन अधिकतर लड़कियां दोस्ती के रिश्तो में होती हैं और खुद के समाज (ST) के लड़कों से ही दोस्ती करती हैं।
- दोस्ती में दबाव व हिंसा होती है। फोन पर बात करने के लिए, मिलने व संबंध बनाने के लिए दबाब होता है | आवाजाही पर लड़के रोक-टोक करते हैं। किसी अन्य लड़की/लड़के से बात नहीं करने देते हैं।
- इन दबावों के साथ ही वह लड़की को छोड़ने ,शादी के लिए दबाव डालते हैं | किसी अन्य लड़की से रिश्ता रखने की बात भी करते हैं। और कभी-कभी मारपीट और गाली-गलौच भी करते हैं। इन सभी से लड़कियां परेशान होती है लेकिन वह किसी से अपनी बात शेयर नहीं कर पाती है।
- संबंधों पर बात की जिसमें लड़कियों ने बताया कि असुरक्षित यौन संबंध बनते हैं जिस कारण लड़कियां गर्भवती होती हैं। और उन्हें गर्भपात भी करना पड़ता है लेकिन अधिकतर लड़कियां घरेलू तरीके से गर्भपात करती हैं।
- लड़कियों ने बताया कि जो शादी कर चुकी हैं। उनके ऊपर भी कई तरह के दबाव होती हैं। जैसे- कामकाज अधिक होना, बच्चा पैदा करना और किसी अन्य से रिश्ता /दोस्ती नहीं रख सकते हैं।
- लड़कियों ने अपने ही गांव के 2 उदाहरण दिए:-
- विवाहिता महिला अपने दोस्त से बात करती थी। जिस कारण उसे घर से निकाल दिया।
- शादी के बाद बच्चा नहीं होने के कारण ससुराल पक्ष ने बेटे और बहू दोनों को घर से निकाल दिया व दोनों से बातचीत भी नहीं करती है।
2- स्वास्थ्य
लड़कियों ने बताया कि अनियमित माहवारी और माहवारी में अधिक दर्द होना यह हमारे गांव की लड़कियों की बड़ी समस्या है। लेकिन लड़कियां इस पर बात नहीं करती हैं। इसके साथ ही लड़कियों को चक्कर आना, कमजोरी की भी समस्या अधिक रहती है।
समूह चर्चा में शामिल हुई 4 लड़कियों ने अपना HB बताया जो सामान्य से कम था ।
3- काम
14 से 24 वर्ष की 21 अविवाहित लड़कियां हैं जिसमें से 19 लड़कियां नियमित पढ़ाई कर रही हैं और यह सभी छुट्टियों में ही मजदूरी पर जाती है और 2 लड़कियां हैं जो पढ़ाई के साथ घर की दुकान चलाने में भी सहयोग करती हैं।
4- हिंसा
हिंसा पर चर्चा करते हुए लड़कियों ने बताया कि गाली देना और काम नहीं करने पर मारपीट सामान्य बात है। हमारे लिए यह कोई बड़ी बात नहीं है। और सभी माता-पिता रोक-टोक भी करते हैं | लेकिन नक्शे में जिन लड़कियों के साथ हिंसा अधिक है उन्हें ही दर्शाया है।
कुछ अ्रन्य बातें जो इस चर्चा के दौरान हुई:-
1. हेम्मती- अपनी सगाई तोड़ दी क्योंकि जिस लड़के से सगाई की वह बाजार आने जाने को लेकर, मीटिंग में नहीं जाना, सहेलियों से बात नहीं करना आदी रोक-टोक करता था | उसने अपने परिवार से मना किया और उसकी मां ने उसके इस फैसले में उसे सहयोग किया।
2. एक लड़की जो अपनी पसंद के लड़के के साथ घर छोड़कर चली गई थी उसे समाज के लोग वापस लेकर आए लेकिन उससे कोई बात नहीं करता है। लड़कियों ने कहा हम बात करना चाहते हैं लेकिन हमारे परिवार के लोग मना करते हैं।
3. लाकडाउन में गांव की एक लड़की का दोस्त मिलने आया है उसे (लड़की व लड़के) के साथ परिवार के लोगों ने देख लिया। परिवार के लोगों ने उस लड़के शादी के लिए कहा और लड़के ने शादी करने से मना कर दिया। जिस पर लड़के की बहुत पिटाई की।
4. लाकडाउन के पहले भी एक लड़की का दोस्त उससे मिलने आया और उसकी भी परिवार वालों ने पिटाई की। उसे कुछ दिन घर से बाहर नहीं जाने दिया। क्योंकि वह लड़का उसके गोत्र का था ।
समझ
- मुझे इस चर्चा के दौरान यह बात सबसे अच्छी लगी कि लड़कियों ने अपने रिश्तों /दोस्ती के रिश्तो पर बात करने में झिझक /डर महसूस नहीं किया। उनकी बातो से समझ आया कि उन्हें यह विश्वास है कि यह एक ऐसी जगह है जहां बिना डर व झिझक के हम हमारी बाते कर सकते हैं क्येांकि अधिकतर फिल्ड कार्यकर्ता के साथ ही खुलकर इस तरह की बातों में जाती हैं। लड़कियों के लिये सुरक्षित जगहों का होना बहुत जरूरी है
- एक छोटे गांव में भी लड़कियों की इन मुद्दों पर कितनी विशेष स्थितियां निकल कर आई है। एक लड़की के साथ कई तरह के मुद्दे होते हैं। जो उनकी जिंदगी पर प्रभाव डालते हैं और वह बिना किसी से बात किए सहयोग लिए उनसे जूझती रहती है। लड़कियों के साथ काम करने के लिये बहुआयमी सहायक ढांचे और मदद की जरुरत है | शादी की उम्र या सिर्फ शादी की बात करने से हालात नहीं बदलेंगे |
- कुछ लड़कियां हैं जो सामाजिक नियमों के खिलाफ बोलना चाहती है या काम करना चाहती हैं। पर उनके आस-पास का माहौल से वह डरी हुई होती हैं। जिस कारण वह बोलती नहीं हैं। गलत नियमों का विरोध करना लोकतंत्र है जिसे सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी सरकार की है |
- रिश्तों/ दोस्ती के मसलों उसमें दबाव व यौन स्वास्थ्य से जुड़े मसलों पर लड़कियों से उनके अनुभव और प्रभावों को समझने की आवश्यकता लगती है। आकर्षण स्वाभाविक है जिस पर समझ शिक्षा और सह्योग की जरुरत है ना की बंदिश की |
- इस गांव में अधिकतर लड़कियों पढ़ाई कर रही हैं तो पढ़ाई के साथ घर का काम, दोस्ती इन सबसे कितना समय देती है और इन सभी से उन पर क्या दबाव है को भी विस्तार से समझने की जरुरत है |